तृतीय कोटि अभिक्रिया हिंदी में Third Order Reaction

वे रासायनिक अभिक्रियाएँ जो अभिकारक पदार्थोँ के सक्रिय द्रव्यमानोँ की तृतीय घात के समानुपाती होती है । तृतीय कोटि अभिक्रियाएँ कहलाती हैँ ।
इन अभिक्रियाओँ की तीन विभिन्न स्थितियाँ हो सकती हैँ ।

A. तीनो पद समान हो सकते है ।(all (3) parts are similar ) .

B. दो पद समान हो सकते हैँ , और एक पद भिन्न हो सकता है ।(2 parts similar and 1 part different ).

C. तीनो पद भिन्न हो सकते हैँ ।(all (3) parts are different ).


(1) दर व्यंजक , जब  सभी अभिकारको की सान्द्रता समान है या यदि अभिक्रिया निम्न प्रकार है ,

3A         →      उत्पाद

a मोल/        0 मोल/ली॰
लीटर             x मोल/ली॰
(a - x)
मो॰/ली॰

t = 0 प्रारम्भ मेँ
T = t sec साम्य पर

तब

dx/dt = k (a - x)³ .......(समीकरण 1)

या

dx/(a - x)³ = k dt    

समाकलन करने पर ,

∫ dx/(a - x)³ =  ∫ k dt

या

1/2 (a - x)² =  kt + I    ......(समीकरण 2)

जहाँ k समाकलन स्थिरांक है

प्रारम्भ में जब t = 0 , x = 0 ; तब

I = 1/2 a²

तथानुसार

kt = 1/2 (a - x)² - 1/2 a²

या

k = 1/2 t { 1/ (a - x)²  - 1/a² }

......(समीकरण 3)

(2). जब दो अभिकारकोँ की सान्द्रताएँ समान होँ तथा एक की भिन्न हो तब अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है -

2A     +     B     →     उत्पाद

मोल     b मो॰/ली॰    0 मो॰/ली०
लीटर    (b - x)       
(a-2x)   मो॰/ली॰      मो॰/ली०
मो॰/ली॰               

t = 0 प्रारम्भिक सान्द्रताएँ
T = t sec साम्य पर

तब

dx/dt = k (a - 2x )²  (b - x) .......(समीकरण 4)

क्योँकि किसी क्षण A की अपघटित मात्रा i.e , 2x , B की मात्रा i.e , x की दो गुनी होगी । तब इसका समाकलित रुप होगा ,

k = 1/t (a - 2b)² {2x (2b - a) / a (a - 2x)
 + log e  b (a - 2x) / a (b - x) } ....(समीकरण 5)

(3). जब सभी अभिकारकोँ की सान्द्रताएँ भिन्न हो तब अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है ,

A  +  B  +  C   →  उत्पाद

तब

dx/dt = k (a -x) (b -x) (c - x)   ......(समीकरण 6)
☞ तृतीय कोटि अभिक्रिया के अभिलक्षण (Characteristics Of Third Order Reaction) :-

1. वेग-नियतांक k की इकाई समय -¹ सान्द्रण -² अर्थात् (मोल/लीटर) -² सेकण्ड -¹ होती है ।

2. इन अभिक्रियाओँ की दर सान्द्रता ³ के समानुपातिक होती है , अतः यदि अभिकारक की सान्द्रण दो गुनी कर दी जाये तो दर आठ गुनी हो जायेगी । dx/dt का सान्द्रण ³ के वितरीत आलेख मूल बिन्दू से होती हुई एक सरल रेखा प्राप्त होती है । जिसकी प्रवणता के बराबर होती है ।

3. 1/(a - x)² तथा समय (t) के  बीच आलेखित ग्राफ  खीचने पर एक सरल रेखा प्राप्त होती है । जिसकी प्रवणता समीकरण (3) के अनुसार 2k तथा अंत: खण्ड 1/a² के बराबर होगा ।

4. ऐसी अभिक्रियाओँ के पूर्ण होने मेँ लगा समय अन्नत होता है ।
☞ उदाहरण (Examples) :


1) 2NO + Cl2 → 2NOCl

2) 2NO + Br2  → 2NOBr

3) 2NO + O2  → 2NO2

4) 2NO + 2H2  → N2 + 2H2O

5) 2NO + D2  → N2O + D2O

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