द्रव्य अनुपाती क्रिया का नियम हिंदी में | Law of mass action

What is Law of mass action ?

नार्वे (Norway) के Scienctist सी॰ एम॰ गुल्डबर्ग तथा पी॰ वागै(C.M Guldberg and P.Waage) ने अभिक्रियाओँ की दर को समझाने के लिए एक नियम प्रतिपादित किया । इस नियम को द्रव्य-अनुपाती क्रिया का नियम कहते हैँ । इस नियम के अनुसार -
"स्थिर ताप पर , किसी पदार्थ की अभिक्रिया की दर अभिकारक पदार्थ के सक्रिय द्रव्यमान के समानुपाती है ,यदि अभिकारक पदार्थ एक से अधिक हो तब अभिक्रिया करने की दर अभिकारक पदार्थोँ के सक्रिय द्रव्यमानोँ के गुणनफल के समानुपाती होती है ।"
माना कोई रासायनिक अभिक्रिया ,

A  +  B    ⇌    C   +   D

अग्र अभिक्रिया दर ,

Rf   ∝    [A] ×  [B]

जहाँ Rf =अग्र अभिक्रिया की दर

Kf=अग्र अभिक्रिया वेग स्थिराँक
पश्च अभिक्रिया की दर

Rb    ∝   [C]  ×  [D]

जहाँ Rb=पश्च अभिक्रिया की दर
kb=पश्च अभिक्रिया वेग स्थिरांक

साम्यावस्था पर ,
अग्र अभिक्रिया की दर = पश्च अभिक्रिया की दर
Rf  = Rb

समीकरण (1) व (2) से ,

Kf [A] × [B] = Kb  [C ] ×[D]  

Kf / Kb = [C]  ×  [D] /[A] × [B]

 या

Kc = [C] × [D] / [A] ×  [B]

जहाँ Kc = साम्य स्थिरांक


साम्य स्थिरांक का मान अभिक्रिया की प्रक्रति तथा ताप पर निर्भर करता है ।
स्थिर ताप पर , किसी उत्क्रमणीय अभिक्रिया के साम्य स्थिरांक का मान स्थिर होता है । साम्य स्थिरांक का मान अभिकारकोँ तथा उत्पादोँ की सान्द्रताओँ ब दाब पर निर्भर करता है ।
माना स्थिर ताप पर उत्क्रमणीय अभिक्रिया निम्न हैँ -

m1A  +  m2B    ⇌      n1C  + n2
D

द्रव्य अनुपाती क्रिया के नियमानुसार -
अग्र अभिक्रिया की दर ,

Rf = Kf  [A] m1   ×    [B] m2

जहाँ m1 व m2 अभिकारक  A व B के अणुओँ की संख्या हैँ ।

पश्च अभिक्रिया की दर ,

Rb =  Kb   [C] n1  × [D] n2

साम्य अवस्था पर ,

अग्र अभिक्रिया की दर(Rf) = पश्च अभिक्रिया की दर(Rb)

Kf  [A] m1  [B] m2  = K  [C]n1  [D] n2

Kf / Kb = [C] n1  × [D]n2 / [A]m1 × [B]m2

K = [C]n1 × [D]n2 / [A]m1 ×  [B]m2

इस अभिक्रिया को रासायनिक साम्य का नियम भी कहते हैँ ।

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